शेनज़ेन मास्टर्स -पेंटाला हरिकृष्णा रहे उपविजेता
भारत के पेंटाला हरिकृष्णा शेनज़ेन मास्टर्स शतरंज चैंपियनशिप में विजेता का खिताब हासिल करने से भले चूक गए पर दुनिया भर के शतरंज प्रेमियों का दिल जीतने में कामयाब रहे । अंतिम मुक़ाबले में उन्हे विश्व नंबर 3 और प्रतियोगिता के टॉप सीड चीन के डिंग लीरेन के हाथो पराजय का सामना करना पड़ा और 5.5 अंको पर आधे अंक की बढ़त पर चल रहे हरिकृष्णा को पीछे छोड़ते हुए नीदरलैंड के अनीश गिरि नें अंतिम राउंड में जीत के सहारे 6 अंको पर खिताब पर कब्जा जमा लिया । डिंग लीरेन हरिकृष्णा को हराकर 5.5 अंको के साथ तीसरे स्थान पर आने में कामयाब रहे । खैर इस प्रतियोगिता में भले हरि खिताब हासिल नहीं कर पाये पर यह प्रतियोगिता उनके आने वाले खेल जीवन के लिए बेहद अहम पड़ाव साबित होने वाली है। यहाँ मिली 5 बड़ी जीत से उनके आत्मविश्वास में तो बदलाव आएगा ही विश्व स्तर के खिलाड़ियों का भी उनके प्रति नजरिया अब बदला है जिससे आने वाले समय में हरि कुछ और बड़े सुपर ग्रांड मास्टर टूर्नामेंट में नजर आ सकते है । पढे यह लेख
शेनज़ेन , चीन में चल रही शेनज़ेन मास्टर्स शतरंज चैंपियनशिप में भारत के पेंटाला हरिकृष्णा विजेता नहीं बन पाये डबल राउंड रॉबिन आधार पर खेले गए इस टूर्नामेंट के अंतिम राउंड में उन्हे टॉप सीड और विश्व नंबर 3 चीन के डिंग लीरेन से हार का सामना करना पड़ा और 6 अंको के साथ वह उपविजेता के स्थान पर रहे । वैसे इतने मजबूत टूर्नामेंट में उपविजेता का स्थान भी बड़ी कामयाबी है और उनके द्वारा लगातार 4 मुक़ाबले 2700 से अधिक रेटिंग के खिलाड़ी से जीतने का रिकार्ड सबसे बड़ी बात रही । इस हार के बाद भी हरिकृष्णा अब 2730 अंको के साथ विश्व रैंकिंग में 24 वे स्थान पर पहुँचने में कामयाब रहे ।
क्यूँ खास है हरिकृष्णा का यह प्रदर्शन
हरिकृष्णा अप्रैल 2014 के बाद से मतलब ठीक 5 सालों से विश्व टॉप 30 में शामिल रहे है और साथ ही साथ सितंबर 2013 के बाद से ही उन्होने जब दूसरी बार 2700 का आंकड़ा छुआ तब से वह कभी पीछे मुड़कर नहीं आए । नवंबर 2016 में तो वह 2768 रेटिंग के साथ विश्व टॉप 10 में भी पहुँच गए और ऐसा लगा की अब वह जल्द ही आनंद को पीछे छोड़ देंगे पर उसके बाद यह फासला एक बार फिर बढ्ने लगा और इस प्रतियोगिता के पहले दो मैच के बाद तो हरिकृष्णा विदित से भी रेटिंग में पीछे होते नजर आए पर हरिकृष्णा के लिए यही वापसी का समय बनकर आया और उन्होने लगातार 4 मैच जीतकर ना सिर्फ एक रिकॉर्ड बनाया बल्कि अपना खोया हुआ आत्मविश्वास भी पा लिया । उनका यह प्रदर्शन दुनिया भर के कई सुपर ग्रांडमास्टर टूर्नामेंट आयोजको को भी प्रभावित करेगा और इससे उन्हे मिलने वाले और मौके भी बढ़ सकते है जो उनके लिए अच्छी बात है ।
फ़ाइनल रैंकिंग शेनज़ेन मास्टर्स
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