गुकेश नें तोड़ा विश्व रिकॉर्ड , बने सबसे कम उम्र के कैंडिडैट विजेता
भारतीय शतरंज के लिए आज का दिन एक नया इतिहास लेकर आया और 17 साल के गुकेश नें भारतीय तिरंगे को एक फिर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की मौजदूगी में सम्मान दिलाया और हर भारतीय का सर गर्व से ऊंचा कर दिया । भारत के सुपर सितारे नें सबसे कम उम्र में फीडे कैंडिडैट का खिताब जीतकर दुनिया में तहलका मचा दिया है । टूर्नामेंट शुरू होंने के पहले भले ही मैगनस कार्लसन सरीखे दिग्गजों नें भी उन्हे खिताब का दावेदार नहीं माना था पर गुकेश जैसे इतिहास लिखने का इंतजार कर रहे थे और अब उनके पास उनके बचपन में देखे गए ख्वाब को पूरा करने का मौका होगा जब वह विश्व शतरंज के ताज के लिए मौजूदा विश्व चैम्पियन डिंग लीरेन को चुनौती प्रस्तुत करेंगे । अंतिम राउंड में गुकेश नें नाकामुरा को एक कड़े मुक़ाबले में ड्रॉ पर रोका तो करूआना जीती बाजी नेपोमनिशी से ड्रॉ करा बैठे और गुकेश नें 9 अंको के साथ यह प्रतिष्ठित खिताब जीत लिया और ऐसा करने वाले विश्वनाथन आनंद के बाद दूसरे खिलाड़ी बन गए । महिला कैंडिडैट में चीन की तान ज़्होंगाई नें खिताब जीत लिया तो अंतिम राउंड में अपनी शानदार जीत के चलते कोनेरु हम्पी उपविजेता के स्थान पर रही । पढे यह लेख । Photo : FIDE/Michal Walusza
17 साल के भारत के गुकेश बने फीडे कैंडीडेट्स विजेता , बनाया विश्व रिकॉर्ड टोरंटो,कनाडा
फीडे कैंडिडैट शतरंज के अंतिम राउंड में भारत के 17 वर्षीय ग्रांड मास्टर डी गुकेश नें आखिरकार इतिहास में सबसे कम उम्र में यह खिताब जीतकर नया विश्व रिकॉर्ड बना दिया है । गुकेश अब दुनिया के सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियनशिप चैलेंजर बन गए है ।
गुकेश नें अंतिम राउंड में आधा अंक की बढ़त के साथ शुरुआत की और उनके सामने थे विश्व के नंबर 3 खिलाड़ी यूएसए के हिकारु नाकामुरा , काले मोहरो से खेल रहे गुकेश को कम से कम टाईब्रेक में बने रहने के लिए मैच को ड्रॉ पर रोकने की जरूरत थी ,
क्यूजीए ओपनिंग में गुकेश नें नाकामुरा को खेल में कभी भी बढ़त नहीं बनाने दी और शानदार एंडगेम दिखाते हुए 71 चालों तक चली बाजी को ड्रॉ करा लिया ।
अब गेंद यूएसए क फबियानों करूआना के पाले में थी जो रूस के यान नेपोमनिशी के खिलाफ बेहतर स्थिति में थे और जीतकर गुकेश को टाईब्रेक में चुनौती दे सकते थे पर वह ऐसा करने में असफल रहे और उनका मैच 109 चालों तक चलने के बाद बेनतीजा रहा
राउंड 14 का खास विश्लेषण
और इस तरह गुकेश 9 अंको के साथ कैंडिडैट विजेता बन गए जबकि 8.5 अंको पर टाईब्रेक के आधार पर नाकामुरा दूसरे ,नेपोमनिशी तीसरे और करूआना चौंथे स्थान पर रहे ,
अंतिम राउंड जीतकर 7 अंको के साथ भारत के प्रज्ञानन्दा पांचवे , 6 अंको के साथ विदित छठे , 5 अंको के साथ अलीरेजा सातवे और 3.5 अंको के साथ अबासोव आखिरी स्थान पर रहे । अब गुकेश इस साल के अंत में या अगले वर्ष के शुरुआत में मौजूदा विश्व चैम्पियन चीन के डिंग लीरेन को विश्व खिताब के लिए चुनौती देंगे , और अगर गुकेश विश्व चैम्पियन बने तो वह 22 साल में विश्व चैम्पियन बनने के रूस के गैरी कास्पारोव का रिकॉर्ड तोड़ देंगे ।
महिला वर्ग में चीन की तान ज़्होंगाई 9 अंको के साथ विजेता बनी पर
भारत की कोनेरु हम्पी नें अंतिम राउंड में चीन की लेई टिंगजे को मात देते हुए 7.5 अंको के साथ बेहतर टाईब्रेक के आधार पर दूसरा स्थान हासिल किया ।
इतने ही अंको पर टिंगजे तीसरे और अंतिम राउंड में रूस की लागनों काटेरयना को मात देकर भारत की वैशाली आर चौंथे स्थान पर रही ।