लखनऊ मेट्रो मे हुआ स्पीड चैस का आयोजन
भारत में तेजी से प्रसिद्धि पाने वाला खेल शतरंज अब लोगों के दिलों दिमाग में अपनी जगह बनाने में कामयाब हो रहा है। हर तरफ इस खेल की जागरुकता के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। बीते जनवरी में जहां 15वें प्रवासी भारतीय समारोह में भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नगरी वाराणसी के अस्सी घाट पर शतरंज की बिसात बिछी और शतरंज प्रेमियों ने इसका जमकर लुत्फ उठाया। वहीं सात अप्रैल रविवार को नवाबों के शहर लखनऊ में भी शतरंज की जागरुकता के लिए ब्लैक एंड व्हाइट चेस क्लब के निदेशक व पूर्व शतरंज चैम्पियन डाॅ जुनैद अहमद ने एक बेहतरीन काम करते हुए लखनऊ मेट्रो ट्रेन की पीआरओ पुष्पा बेलानी के सहयोग से मेट्रो ट्रेन के अंदर स्पीड शतरंज टूर्नामेण्ट का आयोजन किया।
पढ़े नितेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट
सात अप्रैल रविवार उत्तर प्रदेश की राजधानी और अपनी तहजीब के लिए जाने जाने वाले लखनउ शहर में या यूं कहे की देश में पहली बाद किसी शतरंज प्रतियोगिता आयोजन मेट्रो ट्रेन के अंदर किया गया। लखनउ मेट्रों के आईटी स्टेशन से एयरपोर्ट स्टेशन तक आयोजित इस स्पीट चेस टूर्नामेण्ट के सफर में आठ से 15 साल के आयु वर्ग के खिलाड़ियों ने शतरंज की बिसात पर मोहरों की उम्दा चालों से मेट्रों में सफर करने वाले सभी यात्रियों के सफर को यादगार बना दिया। इस अनूठे शतरंज प्रतियोगिता में कुल 15 खिलाड़ियों ने अपने दिमागी कौशल को परखा। कुल पांच चक्रों के खेले गए मैच में दो राउण्ड के मैच चलती मेट्रो ट्रेन में व तीन राउण्ड के मैच सीसीएस एयरपोर्ट स्टेशन पर खेले गए। इस स्पीड चेस टूर्नामेण्ट ने कुल 16 मेट्रों स्टेशनों का सफर तय किया।
इस अनूठे स्पीड टूर्नामेण्ट में जयपुरिया स्कूल के 14 वर्षीय आर्यन सिंह ने स्पीड चेस ट्राॅफी के विजेता ट्राॅफी पर अपना कब्जा जमा लिया। वहीं एडीएसवी प्रसाद दूसरे और शिवांश टंडन तीसरे स्थान पर रहे। लखनउ की सबसे कम उम्र की फिडे रेटेड खिलाड़ी सान्वी अग्रवाल चैथे और अणर्व अग्रवाल पांचवें स्थान पर रहे। बेहतरीन बालिका खिलाड़ी की ट्राॅफी शीर्ष रेटेड खिलाड़ी हिम्मिका अमरनानी ने जीती। वहीं दूसरे स्थान पर यशिता टंडन रहीं। तीन मिनट टाइम कट्रोल के आधार पर खेले गए इस टूर्नामेण्ट को इलियास खान ग्रुप के युवा कलाकारों ने गिटार की धुन पर बाॅलीवुड गानों के साथ यादगार बना दिया।
इस पूरे टूर्नामेण्ट में साथ रही लखनऊ मेट्रो की पीआरओ पुष्पा बेलानी ने कहा कि" मैं हैरान हूं की इस तेज गति से चलती मेट्रों ट्रेन के अंदर बच्चों ने शतरंज खेलने के दौरान अपनी एकाग्रता को बनाए रखा। इनके इस आत्मविश्वास से मैं बहुत प्रभावित हूं "। मुख्य अतिथि उर्दू कवि अनुपम श्रीवास्तव ने कहा कि चलती मेट्रो की गति के साथ जिस तरह से इन बच्चों ने तेज गति से चालें चली है। वह काबिलेतारीफ है।
वहीं फिडे आर्बीटर हेमंत शर्मा ने गजब का संतुलन दिखाते हुए एक हाथ से लैपटाॅप संभालते और दूसरे हाथ से पेयरिंग बनाते हुए इस टॅूर्नामेण्ट में चार चांद लगाते हुए इसे यादगार बना दिया। प्रतियोगिता के आयोजक डाॅ जुनैद अहमद ने कहा कि जो भी शतरंज से प्यार करता है तो यह जरूरी नहीं है कि वह चार दिवारी के अंदर ही बैठ कर शतरंज खेले। वह इस गेम को कभी भी और कही भी खेल सकता है। मेट्रो ट्रेन में हुआ स्पीड चेस टूर्नामेण्ट इसका सफल उदाहरण है।
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