नो केसलिंग चैस में आनंद और क्रामनिक मे होगी टक्कर
विश्व शतरंज के इतिहास मे विश्वनाथन आनंद और ब्लादिमीर क्रामनिक को सबसे बेहतरीन क्लासिकल शतरंज खिलाड़ियों मे से एक माना जाता है रूस के क्रामनिक को जहां दिग्गज कास्पारोव को हराकर विश्व चैम्पियन बनने का गौरव हासिल है तो भारत के आनंद नें अलग अलग फॉर्मेट मे विश्व चैम्पियन बनाने का गौरव हासिल है । दोनों के बीच 2008 मे जर्मनी मे हुई विश्व चैंपियनशिप हमेशा एक रोमांचक टूर्नामेंट के तौर पर याद की जाती है । क्लासिकल शतरंज से सन्यास ले चुके क्रामनिक एक बार फिर आनंद के खिलाफ क्लासिकल शतरंज खेलते नजर आएंगे पर यह होगा खास शतरंज " नो केसलिंग शतरंज " पढे यह लेख
नो केसलिंग शतरंज मे टकराएँगे विश्वनाथन आनंद और ब्लादिमीर क्रामनिक
जब 2008 मे भारत के विश्वनाथन आनंद और रूस के ब्लादिमीर क्रामनिक के बीच जर्मनी के बोन में विश्व चैंपियनशिप खेली गयी थी तो उसे शतरंज इतिहास के सबसे ज्यादा देखा गया मुक़ाबला माना गया था , आनंद नें क्रामनिक को 6.5-4.5 से पराजित करते हुए दूसरी बार विश्व चैम्पियन बन गए थे । तब से लेकर अब तक आनंद और क्रामनिक के बीच ऐसी कोई भी सीरीज नहीं हुई थी पर अब इस वर्ष शतरंज प्रेमियों को इन दोनों खिलाड़ियों के बीच डोर्टमंड स्पार्कसेन चैस ट्रॉफी का मुक़ाबला देखने को मिलने जा रहा है और बड़ी बात यह है की यह मुक़ाबला ऑन द बोर्ड होगा ना की ऑनलाइन ।
बड़ी बात यह भी दोनों चार क्लासिकल मैच खेलने जा रहे है पर यह मैच शतरंज के एक बड़े नियम को बदलकर होंगे मतलब यह शतरंज होगा नो केसलिंग शतरंज । यह मुक़ाबला 13 से 18 जुलाई 2021 को खेला जाएगा ।
क्या होता है नो केसलिंग शतरंज – शतरंज में हर खिलाड़ी के पास राजा और हाथी की एक सयुंक्त चाल होती है जिसमें राजा को बोर्ड के कोने में जाकर सुरक्षित हो जाता है और हाथी खेल में सक्रिय हो जाता है इस खास फॉर्मेट में किसी नियम को लागू नहीं किया जाएगा मतलब राजा को केंद्र में ही रहना होगा जिससे आक्रमण के मौके बढ़ जाते है और यही बात खेल को और चुनौतीपूर्ण बना देता है ।
आनंद और क्रामनिक ना सिर्फ शतरंज के महानतम खिलाड़ी है बल्कि उनकी शानदार दोस्ती भी शतरंज जगत मे बहुत प्रसिद्ध है तो देखना होगा की जब यह दोनों वापस शतरंज बोर्ड पर एक दूसरे के आमने सामने होंगे तो रोमांच अपने कितने चरम पर पहुंचेगा